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Milan Talkies Bollywood Movie 2019



मिलन टॉकीज 2019 बॉलीवुड मूवी रिव्यू



फिल्म की कहानी एक छोटे शहर इलाहाबाद में फिल्माई गई है अनु एक यूट्यूब मूवी डायरेक्टर है जिसका सपना है मुंबई जाकर एक सफल फिल्म निर्देशक बनने का जो अभी कॉलेज में पढ़ रहा है और उल जलूल काम करके यूट्यूब मूवी के लिए फंड इकट्ठा करता है जैसे स्टूडेंट्स को सेटिंग करवा के पास करवाना इसी काम के लिए मैथिली (श्रद्धा श्रीनाथ ) का मामा अनिरुद्ध अली फजल से मिलता है और मैथिली को पास करवाने का ठेका देता है मैथिली को देखकर अनु पहली नजर में ही उसे दिल दे देता है मैथिली परीक्षा देने जाती है और चीटिंग वाले ग्रुप से एक लड़के का मोबाइल पकड़ा जाता है जिससे कॉलेज प्रशासन कॉलेज में मोबाइल जैमर लगवा देते हैं इस कारण मैथिली अनु से कहती है कि उसे अपने पैसे वापस चाहिए पर अनु तो उसे पास करवाने का सपना सजाई बैठा है तो उसे कहता है मैं तुम्हें किसी भी तरीके से पास करवा दूंगा जिसके लिए वह एग्जामिनर से मिलता है और उसे लड़की का लालच देकर चीटिंग करवाने के लिए मना लेता है एग्जामिनर एग्जाम हॉल में इंग्लिश अखबार के बहाने पेपर को बाहर भेज देता है और अनु की टीम उस एग्जाम पेपर को सॉल्व करके इंग्लिश अखबार के साथ वापस एग्जामिनर के पास पहुंचा देती है एग्जाम हॉल में मैथिली को वह सॉल्वड एक्जाम पेपर दे देता है रिजल्ट वाले दिन मैथिली फर्स्ट डिवीजन से पास हो जाती है मैथिली के घर वाले उसका रिश्ता किसी और से तय कर देते हैं मिलन टॉकीज एक्स सिनेमा हॉल होता है जिसमें मैथिली और उसकी सहेली बेदी मूवी देखने जाते हैं इसी मिलन टॉकीज में अनु और उसके दोस्त उनके लिए टिकट का बंदोबस्त करते हैं और उनके पास बैठने का जुगाड़ भी अनु मैथिली के पास जाकर बैठ जाता है और उसे बाहर आने का बोल कर निकल जाता है मैथिली बाहर आकर अनु से मिलती है वही अपने प्यार का इजहार करता है और मैथिली से पूछता है

क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो मैथिली कहती है तुम मेरी आंखों में देख लो इस प्रकार दोनों की प्रेम कहानी शुरू हो जाती है वहीं दूसरी ओर एंटी रोमियो स्क्वाड के रूप में प्रयागराज में सिकंदर खेर विलेन के रूप में दिखाया गया है 1 नपुंसक है शादी से पहले मैथिली अनु के साथ भाग जाती है और वह सड़क से जाने के बजाय गंगा पार करके दूसरे शहर जाना चाहते हैं पर घाट पर ही सिकंदर खेर अपने एंटी स्क्वायड के साथ पहुंच जाता है और मैथिली को उसके पिता आशुतोष राणा जनार्दन शर्मा को सॉन्ग देता है और अनु को गोली लग जाती है अनु ट्रेन में बैठकर निकल जाता है और मुंबई में बिना टिकट पकड़ा जाता है और वह 12 दिन तक जेल में रहता है इन्हीं 12 दिनों में मैथिली की शादी उस नपुंसक विलेन से हो जाती है 3 साल बाद अखबार में इश्तेहार आता है याद बहुत बड़ा फिल्म स्टूडियो अपनी फिल्म की शूटिंग इलाहाबाद में करने आ रहा है जिसके लिए लोकल एक्टर्स की जरूरत है इसका डायरेक्टर अनिरुद्ध शर्मा अली फजल है कहानी यहां पर फिर से मोड़ लेती है मैथिली वहां पर अनु से मिलने जाती है और उसे एक थप्पड़ मार कर वापस आ जाती है अनु अपनी सफाई मैथिली को सुनाता है दोबारा सुनने प्यार परवान चढ जाता है थोड़ी बहुत गलत फहमी आती है बीच में और उनका सॉल्यूशन भी हो जाता है अंत में दोनों मिल जाते हैं जिनका मिलन मैथिली का पिता आशुतोष राणा करवाता है यह एक अच्छी लव स्टोरी है जिसमें थोड़ा रोमांस लड़ाई थोड़ी कॉमेडी सब कुछ है हम इसे पांच में से 3 स्टार देते हैं