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भारत लोकसभा चुनाव 2019 - नरेंद्र मोदी .2



नरेंद्र दामोदरदास मोदी भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री के रूप में 30 मई को शपथ लेंगे

भारत की आज़ादी के बाद यह दूसरी बार होगा जब कोई प्रधानमंत्री दुबारा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आया हो इससे पहले यह रिकॉर्ड श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम था और इसके साथ ही नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं जो कांग्रेस से नहीं है पर भारत में दुबारा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आए हैं यह अपने आप में राजनैतिक विश्लेषकों के समझ के बाहर की बात है क्योंकि कोई भी यह नहीं कह सकता था कि दुबारा मोदी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ आएगी


एनडीए 30 मई को नरेंद्र मोदी के रूप में प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल का विधिवत गठन करेगी अब देखने वाली बात यह है किस राज्य को मंत्रिमंडल में कितना प्रतिनिधित्व मिलेगा कयास लगाए जा रहे हैं नितिन गडकरी या बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह नए गृह मंत्री हो सकते हैं पर अभी तक आधिकारिक रूप से भाजपा या एनडीए की ओर से कोई भी संकेत नहीं दिया गया है पर राजनाथ सिंह पूर्व गृहमंत्री सुषमा स्वराज पूर्व विदेश मंत्री श्री अरुण जेटली पूर्व वित्त मंत्री श्री नितिन गडकरी सड़क एवं परिवहन मंत्री इनका कार्यकाल बहुत ही अच्छा रहा है और मुझे नहीं लगता कि मोदी सरकार कुछ फेरबदल करें हो सकता है इनमें से किसी एक को गृह मंत्री का पद दिया जाए एनडीए गठबंधन में एक नई पार्टी राजस्थान से जुड़ी है हनुमान बेनीवाल जो किसान नेता होने के साथ-साथ राजस्थान में अपनी जबरदस्त पकड़ रखते हैं हमारे सूत्रों से पता चला है तीसरे हनुमान बेनीवाल को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है


 राजस्थान गुजरात और दिल्ली यह तीन राज्य ऐसे हैं जिन्होंने पूरी में से पूरी सीटें हैं बीजेपी को दी है बात अगर अकेले राजस्थान की जाए तो जहां विधानसभा चुनाव में बीजेपी को भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था वहीं 25 में से 25 भाजपा गठबंधन के खाते में जाना राजनीतिक विश्लेषकों के समझ से परे है इसे मोदी की सुनामी कहें यानिवर्तमान कांग्रेश सरकार की विफलता कांग्रेश के मुखिया श्री राहुल गांधी पहले ही अशोक गहलोत पर जो राजस्थान के मुख्यमंत्री भी हैं उन पर यह आरोप लगा चुके हैं कि उन्होंने पुत्र मोह के कारण केवल अपने पुत्र की सीट जोधपुर पर अपना ध्यान केंद्रित कर रखा था फिर भी वह हार गए जोधपुर से वैभव गहलोत की शिकस्त ना तो राजस्थान कांग्रेश पचा पा रही है और राजस्थान से कांग्रेस का सूपड़ा साफ राष्ट्रीय कांग्रेश अध्यक्ष राहुल गांधी पचा पा रहे हैं हाल फिलहाल में राजस्थान के गांधी के नाम से मशहूर श्री अशोक गहलोत के मंत्री भी उनके खिलाफ बोलने लगे हैं या यूं कहें बगावत घर से शुरू हो गई है अब देखना यह होगा की राजनीति के चाणक्य श्री अशोक गहलोत इस बगावत को कैसे रोकते हैं जहां तक मैं गहलोत साहब को जानता हूं वह राजनीति के अखाड़े के सुल्तान हैं सुल्तान कैसे अपने ही मंत्रियों को शांत करवाते हैं यह देखने वाला होगा

बात करते हैं गुजरात की तो दोस्तों गुजरात हमेशा से ही या यूं कहे जब से मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने हैं तब से ही मोदी में है गुजरात में हार्दिक पटेल ने विधानसभा चुनाव में पटेल आंदोलन का बिगुल बजा कर राजनीति के अखाड़े में अपना पैर जमा चुके थे पर विधानसभा चुनाव में वह बीजेपी को हराने में नाकाम रहे पर लोकसभा चुनाव मोदी के नाम से लड़ा गया था और गुजरात प्रधानमंत्री के रूप में मोदी को ही देखना चाहता था अब उसे गुजराती प्रेम कहें या मोदी लहर यह आप पर निर्भर है
 दिल्ली भारत की राजधानी सात लोकसभा सीटों का शहर जहां पर आम आदमी पार्टी के श्री अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं लोकसभा चुनाव में 7 की 7 सीटें बीजेपी के खाते में जाना किसी आश्चर्य से कम नहीं था क्योंकि यहां पर संघर्ष त्रिकोणीय था भाजपा कांग्रेश और आम आदमी पार्टी तीनों अपना संपूर्ण जोर लगा के मैदान में थी आम आदमी पार्टी जहां विधानसभा चुनाव में 70 में से सिर्फ 3 सीटें हारे थे वही लोकसभा चुनाव में यह पार्टी तीसरे पायदान पर रही जो कांग्रेश विधानसभा चुनाव में सबसे खराब हालत में थी उसने लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से गठबंधन को भी लात मार कर अपने दम पर चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रही यह अपने आप में बहुत अचरज की बात है