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What is DuckDuckGo in Hindi

DuckDuckGo क्या है और Google से कैसे बेहतर है?

अगर आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते है तो आपने कभी न कभी डकडकगो के बारे में पढ़ा होगा. अगर आप नही जानते की डकडकगो क्या है तो हम इस आर्टिकल में आपको डकडकगो के बारे में पूरी जानकारी देंगे.
अगर आपको ऑनलाइन सुरक्षा की चिंता है तोह यह लेख आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है. गूगल के साथ हमेशा कुछ न कुछ पंगा होता रहता है ऑनलाइन प्राइवेसी को ले कर, और इसको कम करने के लिए आप DuckDuckGo का इस्तिमाल कर सकते है. तो चलिए जानते है DuckDuckGo क्या होता है.
डकडकगो गूगल की तरह ही एक वेब सर्च इंजिन है. यानि एक ऐसी वेबसाइट जहा आप अपनी जरुरत की बाते इंटरनेट की मदत से खोज सकते है. मार्किट में ऐसी कई सर्च इंजिन है. इनमे गूगल, बिंग, याहू, यान्डेक्स काफी लोकप्रिय है.
भारत में ज्यादातर लोग गूगल सर्च इंजिन का इस्तेमाल करते है. अमेरिका और यूरोप में गूगल के साथ साथ बिंग का ज्यादा इस्तेमाल होता है. वही रशिया में यान्डेक्स सर्च इंजिन का इस्तेमाल होता है. चीन में गूगल पर प्रतिबंध होने के कारण चीनी लोग उनकी खुदकी बायडू सर्च इंजिन का इस्तेमाल करते है.

इन सभी सर्च इंजिन की तरह डकडकगो भी एक सर्च इंजिन है. हालाकि यह गूगल की जितना लोकप्रिय नही है फिर भी पश्चिमी देशो में करोडो लोग डकडकगो का इस्तेमाल कर रहे है. पश्चिमी देशों में इसकी बढती लोकप्रियता की वजह प्राइवेसी है. इसी खास वजह से अब भारत में काफी सारे इंटरनेट यूजर डकडकगो का इस्तेमाल कर रहे है. डकडकगो के बारे में और जानने से पहले थोडा इसका इतिहास जान लेते है.

डकडकगो का इतिहास

डकडकगो की स्थापना गेब्रियल विनबर्ग ने 25 सितम्बर 2008 के दिन की थी. यानि आजसे तकरीबन एक दशक पहले इस सर्च इंजिन की स्थापना हुयी थी. डकडकगो नाम बच्चों का कार्टून टीवी शो डकडकगुज के नाम पर रखा गया. साल 2011 तक डकडकगो को कोई फंडिंग नही मिल रही थी. गैब्रियल विनबर्ग ने खुदके पैसो से वेबसाइट को जारी रखा जो एक मुश्किल काम था. बादमे अक्टूबर 2011 में यूनियन स्क्वायर वेंचर नाम की एक अमेरिकी कंपनी ने डकडकगो में दिलचस्पि दिखाई और इसमें इन्वेस्ट किया.

यूनियन कंपनी ने द्वारा किया गया यह इनवेस्टमेंट डकडकगो के लिए संजीवनी साबित हुआ. इनवेस्टमेंट मिलने के बाद गैब्रियल ने डकडकगो का विस्तार करना शुरू कर दिया. गैब्रियल की मेहनत ने डकडकगो को सफलता दिलाई. साल 2012 में डकडकगो पर रोज 15 लाख लोग सर्च करने लगे. इससे कंपनी ने 1,15000 USD का अच्छा खासा मुनाफा कमाया. इसके बाद डकडकगो के ग्राहक बढ़ते गए.

18 सितंबर 2014 को एप्पल कंपनी ने अपने ब्राउज़र सफारी में डकडकगो को ऑप्शनल सर्च इंजिन के तौर पर जगह दी. इसी साल 10 नवंबर को मोज़िला ने अपने ब्राउज़र फायरफॉक्स में डकडकगो को ऑप्शनल सर्च इंजन के तौर पर जगह दी. 30 मई 2016 को टोर कंपनी ने अपने टोर ब्राउज़र में डकडकगो को डिफ़ॉल्ट ब्राउज़र घोषित किया.
दिन ब दिन डकडकगो की लोकप्रियता बढ़ती गयी. लोग गूगल से ज्यादा डकडकगो को सिक्योर मानाने लगे. इसी वजह से आज की तारीख में रोज तकरीबन 3 करोड़ से ज्यादा लोग डकड़कगो पर सर्च करते है. गूगल की तुलना में यह काफी कम है. लेकिन यह संख्या दिनबदिन बढती जा रही है.

गूगल को छोड़ डकडकगो को क्यों पसंद कर रहे है लोग?
सर्च इंजिन के बिना इंटरनेट का इस्तेमाल करना काफी मुश्किल होता है. सर्च इंजिन एक ऐसा टूल है जो इंटरनेट पर मौजूद हर तरह की जानकारी को काटता छांटता है और एक पैटर्न में सेट कर लेता है. बादमे यह सर्च इंजिन यूजर के जरुरुत के हिसाब से जानकारियां पोहचाता है

इंटरनेट यूजर के लिए सर्च इंजिन एक वरदान से कम नही है. लेकिन कई बार यह सर्च इंजिन जाने अनजाने में अपने यूजर का नुकसान करवाते है. सर्च इंजिन अपने यूजर का पर्सनल डेटा कलेक्ट करते है और उसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते है. इससे यूजर के प्राइवेसी को ठेस पोहचती है.

उदाहरण के तौर पर हम जब भी गूगल सर्च इंजिन पर कुछ खोजते है या किसी प्रोडक्ट को सर्च करते है. तब गूगल अपने सर्वर पर हमारे उस प्रोडक्ट की जानकारी सेव कर लेता है. इससे गूगल को एडवरटाइज करने में आसानी होती है. साथ ही साथ गूगल के पास हमारी पर्सनल जानकारी होती है.

गूगल का एल्गोरिथम कुछ इस तरह से काम करता है की उसके पास हमारी हर संभव जानकारी होती है. जैसे हमारा नाम,पता,मोबाईल नंबर, हमारा पेशा यहातक की हम क्या खाते है, हम कौनसी भाषा बोलते है ,हम कौनसे कपडे पहनते है यह सब बाते गूगल को पता होती है. इसी कारण हमारी प्राइवेसी को ठेस पोहचती है. इसी वजह पश्चिमी देशो के लोग गूगल के प्रति नफरत की भावना रखते है और गूगल के डकडकगो को पसंद कर रहे है.

डकडकगो और गूगल में क्या अंतर है?


डकडकगो की बढती लोकप्रियता के पीछे असली कारण है इसका प्राइवेसी फीचर. अगर आप गूगल का इस्तेमाल करते है तो गूगल के पास आपकी हर जानकारी पोहचती है. यानि गूगल आपको हरपल ट्रैक कर रहा होता है. गूगल जानता है की आपका नाम क्या है,आप क्या काम करते है,आप कहा रहते है,आप इंटरनेट पर क्या देख रहे है,क्या सर्च कर रहे है या क्या खरीद रहे है. गूगल अपने ग्राहक की हर इनफार्मेशन रखता है. जिसकी मदत से वो अपने जाहिरात दिखा सके. गूगल का इस्तेमाल करने से आपकी प्राइवेसी को धोका पोहचाता है. अगर आपको इससे कुछ फर्क नही पड़ता तो यह अलग बात है गूगल की इसी मनमानी के वजह से कई लोग नाराज है. कई लोगों के लिए उनकी प्राइवेसी बेहद जरुरी है. वे नही चाहते है की हर दफा कोई उनपर नजर रखे. इसलिए यूरोप और अमेरिका के कई सारे लोग गूगल का इस्तेमाल नही करते. जहा एक तरफ गूगल आपकी प्राइवेसी को ख़त्म कर देता है वहा डकडकगो इससे उलटा आपकी प्राइवेसी को मेन्टेन रखता है. डकडकगो आपकी कोई भी प्राइवेट और पर्सनल जानकारी कलेक्ट नही करता.

डकडकगो नही आपसे आपकी लोकेशन पूछता है. नही आपका आईपी अड्रेस ट्रैक करता है. नही आपके सर्च हिस्ट्री को मॉनिटर करता है. यानि डकडकगो अपने ग्राहकों को पूरी तरह से प्राइवेसी देता है. डकडकगो पर आप अपने पसंद की हर चीज सर्च कर सकते है बिना किसी के नजर में आए. यहाँ आपको और आपकी वेब सर्च को ट्रैक करने वाला कोई नही है. इसी खासियत की वजह से बेहद से लोग डकडकगो का इस्तेमाल कर रहे है.

डकडकगो का इस्तेमाल कैसे करे?

अगर आपको को गूगल का इस्तेमाल करना आता है तो फिर आपको डकडकगो का इस्तेमाल करने में कोई तकलीफ नही होगी. डकडकगो का इस्तेमाल करना बेहद आसान है. आप डकडकगो की वेबसाइट www. duckduckgo. com पर जाकर इसका इस्तेमाल कर सकते है.
अगर आप एंड्राइड मोबाईल स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते है,तो आपको गूगल प्लेस्टोर पर डकडकगो का ऑफिसियल ब्राउज़र एप्लीकेशन मिल जायेगा. इस ब्राउज़र को अबतक दस लाख से ज्यादा लोगो में डाउनलोड किया है.

आप एप्पल डिवाइस का इस्तेमाल करते है, तो आप सफारी ब्राउज़र की मदत से डकडकगो का इस्तेमाल कर सकते है. या फिर आप एप्पल स्टोर से डकडकगो का ब्राउज़र डाउनलोड कर इसका इस्तेमाल कर सकते है. कंप्यूटर पर आप डकडकगो इस्तेमाल वेबसाइट, एप्लीकेशन या एक्सटेंशन की मदत से कर सकते है.

डकडकगो के फायदे

1. इस सर्च इंजिन के इस्तेमाल का सबसे बड़ा फायदा है प्राइवेसी. डकडकगो हर तरह से आपकी प्राइवेसी को मेंटेन रखता है.

2. डकडकगो यूजर के किसी भी जानकारी को मॉनिटर नही करता.

3. डकडकगो गूगल से ज्यादा फ़ास्ट है. यह रेडिरेक्ट करते समय ज्यादा टाइम नही लगाता.

4. गूगल और अन्य सर्च इंजिन की तरह डकडकगो जाहिरात नही चलाता.

5. जाहिरात न दिखने की वजह से डकडकगो किसी भी कंटेंट में भेदभाव नही करता.

डकडकगो के नुकसान

1. गूगल की तुलना में डकडकगो का एल्गोरिथ्म काफी कमजोर है.

2. गूगल सर्च इंजिन के साथ साथ अपने अन्य सेवाओं की वजह से वेब ब्राउज़िंग को बेहतर बनाता है.

3. जब की डकडकगो केवल यहाँ वहा से जानकारी कंपिल कर उसे आप तक पोहचाता है.

4. डकडकगो में अपना खुदका इंडेक्स एल्गोरिथ्म नही है. इसलिए वह केवल सब बड़ी बड़ी वेबसाइट को छानकर आपतक जानकारी पोहचने की कोशिश करता है.

5. गूगल की तरह डकडकगो हिंदी भाषा और अन्य भारतीय भाषा के साथ तालमेल नही जमा पाता.

  इस आर्टिकल में लिखी गयी सभी जानकारी को लिखनें मे बेहद सावधानी बरती गयी है. फिर भी किसी भी प्रकार त्रुटि की संभावना से इनकार नही किया जा सकता. इसके लिए आपके सुझाव कमेंट के माध्यम से सादर आमंत्रित हैं.