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What is server? – Types of सर्वर और यह कैसे काम करता है?

हम रोजाना सर्वर के बारे में सुनते है. पर क्या आप सचमुच server क्या है? इसके बारे में जानते है. खास करके स्टूडेंट्स को इसके बारे में काफी ज्यादा सुनने को मिलता है. आमतोर पर computer science अथवा IT के छात्र को server के बारे काफी ज्यादा सुनने को मिलता है. लेकिन आखिर में यह हे क्या? इस सम्भंदित जानकारी आज  हम लेने के कोशिश करेंगे.

कही बार ऐसा होता है. जब UPSC, NDA, JEE या फिर अन्य कोई competative exam का ऑनलाइन फॉर्म भरने जाते है. लेकिन, एक ही समय पर काफी लोग फॉर्म भरते है. इसीलिये high traffic के कारण website एक तो लोड नहीं होती या फिर खुलती ही नहीं. ऐसे परिस्थिति में अक्शर हम सुनते है की server down या फिर fail है. यही समस्या बैंक और आधार कार्यालय में भी होती है. Server fail होने के कारण बैंक में हम transaction नहीं कर पाते. वही दूसरी तरफ इस समस्या के कारण न तो हम आधार कार्ड download कर सकते हे, और नहीं अपडेट कर पाते है. लेकिन आखिर में सवाल यह पड़ता हे की ये server क्या है? और इसी विषय में पढेंगे.
Web server क्या है? और कैसे काम करता है?
एक सर्वर computer हो सकता या उसे हम एक hardware device भी कह सकते है. सर्वर का काम किसी वेबसाइट के डेटा को स्टोर करना और जरुरत पड़ने पर users को browser के जरिये डेटा सर्व(प्रोवाइड) करना होता है. सीधे शब्द में बताने की कोशिश करे. तो सर्वर एक कंप्यूटर की तरह ही device ही होता है. जिसमे hard disk, ram, CPU, processor लगाया होता है. ताकि वह बाकी के divices (computers, laptop) को कनेक्ट होके सबको डेटा पहुंचा सके.
अगर आपको अभी भी समझ नहीं आया. तो एक user और website के बिच कैसे connection स्थापित होता है? उसके बारे में समझते है. ताकि आपको server के बारे में आसानी से समझ आये. तो मित्रो देखिए किसी भी website को ठीक ठंग से काम करने के लिये तीन चीजो की आवश्कयता होती है. 1) Webpage 2) Domain Name और 3) Web server(hosting).

तो सबसे पहले किसी developer को text अथवा media के जरिये content तैयार करना पड़ता है. जिसे हम webpage कह सकते है. फिर ऐसे कही सारे webpages को मिलकर एक website बनती है. शायद आप नहीं जानते होंगे. पर वेबसाइट को offline भी डेवलप किया जा सकता है. परंतु उसे internet पर live बनाने के लिये एक domain और hosting की जरुरत पड़ती है.
दुसरे स्टेप में domain खरीदना पड़ता है. सबसे आखिर में और महत्पूर्ण हमें हमारा डेटा को किसी server पर अपलोड करना पड़ता है. जिसे आमतोर पर  web hosting के नाम से जाना जाता है. ताकि जरुरत पड़ने पर उसे दुनिया के किसी भी कोने से एक्सेस कर सके.

देखिये इसे और सीधा करके समझने की कोशिश करे. तो इसके नाम में ही सबकुछ छिपा है. मित्रो server का hindi अर्थ “परोसनेवाला” होता है. तो किसी भी प्रकार का डेटा स्टोर करना और जरुरत होने पर उपभोगकर्ता तक पहुचाना इसे ही server कहते है.
Server कैसे काम करता है?
में आपको इसकी परिभाषा समझाने के बजाये उदाहरन देकर समझाता हूँ. देखिये मानलीजिये अगर आप अपना browser open करते है. फिर बादमे वहापर jankaribook.com यह domain name अथवा कोई भी दूसरा web address(URL) डालते है. तो browser सबसे पहले डोमेन को ip address में convert करके यह website कहापर store/host की हे यह देखेगा. एक बार उसे server की location पता चलने के बाद वह सर्वर को request भेजेगा. उसके तुरंत बाद ही server request पर proceess करके आपके device में डेटा भेजेगा. यह steps सुनने और पढने में लंबी लगती है पर यह प्रोसेस कुछ ही सेकांदो में हो जाती है.



हम हमारे normal computer और laptop में भी server के according program install करदे तो वो भी एक server की तरह ही काम करता है.  इनको non-dedicated server कहते है. क्योंकि इनको हम 24*7 hourse तो चालू नहीं रखते. जिससे system बंद होने पर इस सरवर  के डेटा को एक्सेस नहीं कर सकते है. परंतु घरपर और स्कूल में education purpose के लिये यह एक अच्छा विकल्प है. non-dedicated server को local host के नाम से भी जाना जाता है.

लेकिन इसके विपरीत ऐसे भी computer system होते है. जिनको 24*7 hourse चालू रखा जाता है. ताकि किसी भी वक्त दुसरे computer तक डेटा को पहुचाये जा सके. इनको dedicated server के नाम से जाना जाता है.

Types of servers in Hindi –
Application servers – एप्लीकेशन सर्वर एक सॉफ्टवेर फ्रेमवर्क है. जो वेब एप्लीकेशन को बनाने और रन करने के लिये वातावरण प्रदान करता है. एप्लिकेशन सर्वर एक प्रकार का server है जो उपयोगकर्ताओं, IT सेवाओं और संगठनों के लिए applications संबंधित सेवाओं को install, operate और होस्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
Web servers – आज internet और google में जीतनी भी websites देखने को मिलती है. वो सभी किसी न किसी web server पर host की जाती है. यह ऐसा program है. जो user के request पर HTTP(hyper transfer protocol) के माध्यम से एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में डेटा serve करता है.
Email servers – यह किसीको email भेजने और प्राप्त करने में काम आता है. साथ ही किसी यूजर की डिटेल्स और संदेश सर्वर पर स्टोर करने के लिये काम आता है. जैसे मान लीजिये आप @gmail.com से कोई मेल मुझे admin@newsontrend.com पर भेजते है. तो gmail के server से मेल भेजा जाएगा और बादमे मुझे SMTP protocol के जरिये web server में रिसीव होगा.
File servers – नाम की तरह ही इसका काम हे file server एक फ्रेमवर्क हे या फिर हम उसे network भी कह सकते है. जो एक computer में फाइल्स को store और manage करता है. इतना ही नहीं किसी user के request पर यह सर्वर फाइलो की कॉपी दुसरे किसी PC के भेजने के लिये सक्षम होता है. आम तोर फाइल सर्वर का इस्तेमाल local network पर किया जाता है.